यह अनोखी कहानी है कालीमार्क कंपनी की। हो सकता है आपने इस ब्रांड का नाम न सुना हो, पर अगर आप तमिलनाडु से संबंध रखते है या एक बार भी वहाँ गए है तो आपने बोवोन्टो ड्रिंक को अवश्य चखा होगा। वहाँ के लोग बोवोन्टो ड्रिंक को किसी भी दूसरे ड्रिंक से ज़्यादा पीना पसंद करते है। यह एक ग्रेप फ्लेवर कोला है जो कम कार्बोनेट व कैफीन के बिना है।
कालीमार्क कंपनी को एक पति-पत्नी – पलानी अप्पा नादर और अम्मल उन्नामललाई – ने मिलकर 1914 में शुरू किया था। उन्होंने इसे ‘गोली सोडा’ के रूप में बनाया था। यह हाथ से चलने वाली मशीन पर बनाया गया था और उस मशीन में से एक दिन में 3 बोतले ही निकल पाती थी। हैरानी की बात है कि ये सोडा गोली पॉपुलर हो गयी। मांग बढ़ जाने पर उन्होंने विरुद्ध नगर में एक छोटी सी फैक्ट्री लगाई और फिर कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। कालीमार्क के वर्त्तमान मालिक दावा करते है कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में भी कालीमार्क की सेल्स पर कोई बुरा प्रभाव नहीं पड़ा।
सन् 1959 में कालीमार्क ने जब ग्रेप फ्लेवर कोला को ‘बोवोन्टो’ नाम से प्रस्तुत किया तो स्वाद की दुनिया में हलचल मच गयी। अब यही नाम इस कंपनी की पहचान बन गया। सन् 1990 में ही कालीमार्क ने ट्रिओ, सोलो, फ्रुतंग नाम के ड्रिंक्स को भी बाज़ार में उतारा। बिना किसी प्रचार या सेलिब्रिटी का सहारा लिए, कंपनी की अगली पीढ़ी इसे आगे बढ़ा रही थी।
सन् 1993 में पारिवारिक मतभेदों ने कंपनी को 8 भागों में बांट दिया। यही समय था जब कोक-पेप्सी भारत में वापसी का रास्ता तलाश रही थी। कंपनी के भागीदारों ने भी बाज़ार की इस चुनौती को समझा। 8 भागों में बांटी हुई कंपनी के मेंबर्स ने मिलकर आगे बढ़ना ही उचित समझा।
कोक-पेप्सी जहॉ एक तरफ भारी मात्रा में डिस्काउंट, उधार माल, फ्री रेफ्रीजिरेटर दे दे कर बाज़ारो में घुसने की फ़िराक़ में थी वही दूसरी तरफ बोवोन्टो ने रेस में बने रहने के लिए ऐसा कुछ नहीं किया। कंपनी को अपने उत्पाद की गुणवत्ता पर पूरा भरोसा था।।
जब कोक-पेप्सी ने अपनी 300 मि० ली० की बोतल का दाम गिराकर 5 ₹ कर दिया तब भी बोवोन्टो को 8 ₹ में बेचा जाता रहा क्योकि कंपनी ने माउथ पब्लिसिटी को ही अपना अस्त्र बनाया हुआ था।
1990-2000 तक कोक-पेप्सी से कड़े मुकाबले के कारण बिक्री अधिक नहीं बड़ी परन्तु बाज़ार में हिस्सेदारी कम भी नहीं हुई। इसके स्वाद पर लट्टू लोग इसको नहीं छोड़ पाते थे जिसकी वजह से बोवोन्टो अपना शेयर बाज़ार में कायम रख सकी।
तमिलनाडु में करीब 14% की हिस्सेदारी रखने वाली बोवोन्टो ने भी अब आगे कदम बढ़ाया है। नए प्लान्स और नए लुक्स के लिए 150 करोड़ ₹ की राशि इन्वेस्ट की गयी है ताकि तमिलनाडु के साथ-साथ अन्य पडोसी राज्यों में भी विस्तार किया जा सके। आशा है कि यह विस्तार बोवोन्टो को नयी उचाईयों तक ले जायेगा और वह यंग-इंडिया की पहली पसंद भी बनेगा।