Read this post in English – Pranav Lal, A Blind Photographer
अपने अंदर की खासियत या काबिलियत को हमें खुद पहचान ना होता है। अगर हम चाहें तो क्या कुछ हासिल नहीं कर सकते। सपनों को पूरा करने की इसी ज़िद को बयां करती है Pranav Lal की यह कहानी। प्रणव एक ऐसे इंसान हैं जो मानते हैं कि सच्चाई को स्वीकार करते हुए हमें आगे बढ़ना चाहिए और जो आगे बढ़ते हैं एक दिन दुनिया उनको सलाम करती है।
कौन है Pranav Lal
32 साल के प्रणव लाल जन्म से नेत्रहीन हैं लेकिन वह एक बेहतरीन फोटोग्राफर हैं। प्रौद्योगिकी और रचनात्मकता का उपयोग करते हुए, उन्होंने नेत्रहीनों के साथ जुड़ी रूढ़ियों को चुनौती दी है। प्रणव लाल ने कोई भी प्रोफेशनल ट्रेनिंग नहीं ली है लेकिन फिर भी अपनी तस्वीरों में जान डाल देते हैं।
प्रणव फोटोग्राफर होने के साथ स्विमिंग और मार्टियल आर्ट्स का भी शौक रखते हैं। वे साइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञ का काम करते हैं और हर रोज़ किसी नई तकनीक, नए ऐप पर काम करते हैं। प्रणव ब्लॉग भी लिखते हैं और समय के इतने पाबंद हैं कि मिनट-मिनट का हिसाब रखते हैं।
2001 में उन्होंने VOICE नामक एक सॉफ्टवेयर के बारे में जाना, जो नेत्रहीनों को एक विज़ुयल अनुभव देने का दावा करता था। सॉफ्टवेयर एक कृत्रिम (आर्टिफीसियल) आँख की तरह काम करता है जोकि छवियों (दृश्यों) को ध्वनि में परिवर्तित करता है। आप हेडफ़ोन के माध्यम से सुन सकते हैं और निर्धारित कर सकते हैं कि आप क्या देख रहें हैं।
क्या है Voice Software
यह सॉफ्टवेयर Netherlands के भौतिक विज्ञानी Dr. Peter B.L. Meijer ने बनाया है। यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो विज़न टू साउंड मैप के सिस्टम पर चलता है। इसका प्रयोग माइक्रोसॉफ्ट विंडोज़, एंड्रोइड और लिनक्स पर किया जा सकता है।
प्रणव क पास एक कैमरा और विडियो ग्लासेज़ हैं जिनके बीच में एक और कैमरा लगा है। इसके साथ प्रणव के पास ईयरफोन भी होते हैं। साउंड मैपिंग में इमेज तीन हिस्सों में बंट जाती है। ध्वनि की उच्चता प्रणव को दृश्य की चमक बताती है, इसलिए ध्वनि जितनी तेज होती है वस्तु उतनी ही अधिक चमकीली होती है। इसी तरह जैसे विषय बाएं से दाएं चलता है, उसके स्टीरियो हेडफोन इसकी स्थिति को बताते हैं। अंत में, ध्वनि की पिच विषय की ऊंचाई को दर्शाती है। यह सुनने में जितना आसान लगता है उतना होता नहीं, इसमें विशेष एकाग्रता की ज़रूरत होती है।
यह सॉफ्टवेयर एक Artificial Eye के रूप में काम करता है, जहाँ प्रणव चीज़ों को छुए बिना ही उन्हें महसूस कर सकते हैं। यह उन्हें बहुत कुछ अनुभव करने में मदद करता है।
कैसा रहा Pranav Lal का जीवन
अपने माता-पिता और प्रियजनों से समर्थन के साथ, Pranav Lal ने हमेशा आत्मनिर्भरता से भरा जीवन जिया है। कभी भी अपनी परेशानी को उन्होंने बाधा नहीं बनने दिया और खुद को किसी भी चीज़ से दूर नहीं होने दिया – चाहे वह पढ़ाई हो या कैमरा की दुनिया को समझना।
बचपन में उन्हें मैथ्स में थोड़ी दिक्कत आती थी लेकिन बाकी सभी विषयों को वे आसानी से समझ जाते थे। उन्होंने गर्व के साथ बिजनेस मैनेजमेंट में मास्टर्स की डिग्री भी की हैं। वह नई दिल्ली में एक कॉर्पोरेट फर्म के साथ काम करते हैं और मौका मिलने पर फोटोग्राफी वर्कशॉप्स में भाग लेते हैं।
क्या है Pranav Lal का Dream project
जिन चीजों को हम छू नहीं सकते जैसे बादल, आसमान या ऊंची ऊंची पहाड़ियाँ उनको तस्वीर में कैद करने के शौकीन हैं प्रणव। इंसानों से अधिक Pranav Lal को लैंडस्केप्स की तस्वीरें लेना पसंद है। प्रणव का सपना है कि वे “International Space Station” से हमारी धरती की एक तस्वीर खींचें और साथ ही एक धधकते ज्वालामुखी क्रेटर की भी तस्वीर खींचना उनकी विशलिस्ट में शामिल है।
Pranav Lal का मानना है कि सभी बाधाओं से निपटा जा सकता है, बस हमें खुश रहना चाहिए और इसीलिए वह अपनी यात्राओं पर कैमरा ले जाना कभी नहीं भूलते।
Pranav Lal के बारे में जानने के लिए चेक करें – Twitter, LinkedIn, Blog.
अगर आप किसी भी प्रेरणात्मक कहानी के बारे में जानते है, और आप चाहते है की हम उसके बारे में mad4india.com पर लिखे। ऐसे जानकारी शेयर करने के लिए आप हमें Facebook या LinkedIn पे संपर्क कर सकते है। वो प्रेरणात्मक कहानी किसी भी व्यक्ति, कंपनी, नए आईडिया या सोशल पहल के बारे में हो सकती है।