Licypriya Kangujam – दुनिया की सबसे छोटी क्लाइमेट एक्टिविस्ट, 9 वर्ष की बहादुर लड़की

Mad4Change By Prabha Dua | 38 sec read

Licypriya Kangujam
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Licypriya Kangujam एक ऐसा नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं है। यह भारत में सबसे कम उम्र की क्लाइमेट एक्टिविस्ट हैं। मीडिया का ध्यान उनकी तरफ तब गया जब उन्होंने जून 2019 में पार्लियामेंट हाउस ऑफ इंडिया के सामने 1 सप्ताह तक प्रोटेस्ट किया। इस प्रोटेस्ट में वह भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और दूसरे मेंबर ऑफ पार्लियामेंट से अपील किया था की Climate change law जल्द से जल्द लाकर लागू किया जाए।

इसके लिए वह नई दिल्ली के ऐतिहासिक स्थल विजय चौक पर बैनर लेकर वर्तमान air pollution  के विरोध में प्रदर्शन करती थी। वह गवर्मेंट को आगाह करना चाहती थी कि अगर अब भी इस दिशा में कुछ नहीं हुआ तो बहुत देर हो जाएगी जो लोगों के सेहत के लिए बहुत खतरनाक होगी। वह लोगों से भी अपील करती थी कि वे विजय चौक पर आए और उनको समर्थन प्रदान करें। वह अपने ट्विटर पेज पर भी लिखती हैं कि अगर कोरोना वायरस से बच गए तो बढ़ता हुआ air pollution हम को मार कर ही रहेगा।

Licypriya Kangujam
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वे चेतावनी देते हुए कहती हैं कि हर आने वाला साल बीते हुए साल के अपेक्षा अधिक प्रदूषण लेकर आता है। अगर हम अभी नहीं सुधरे, तो कब सुधरेंगे। ऐसा ना हो कि एक दिन बहुत देर हो जाए और बढ़ता प्रदूषण हमारी सांस को ही बंद कर दे। लिसिप्रिया का जन्म 2 अक्टूबर 2011 में भारत के मणिपुर राज्य के बशीखोंग क्षेत्र में हुआ था। उनकी माता का नाम बिदा रानी देवी कंगुजम और पिता का नाम के के सिंह है। वह अपने माता- पिता की पहली संतान हैं।

जब वह 5 वर्ष की थी तब उन्होंने climate air pollution जैसे शब्दों को पहली बार सुना था। 7 वर्ष की उम्र होने पर उन्होंने climate change  और disaster risk reduction के लिए आवाज उठानी शुरू कर दी थी। वह climate change law की मांग करती है और साथ ही कहती हैं कि कार्बन विसर्जन और ग्रीन हाउस गैसों पर रोक लगनी चाहिए।

भारत की ग्रेटा

मीडिया द्वारा उन्हें “भारत की ग्रेटा” कहे जाने पर ऐतराज़ करते हुए कहती हैं कि वह अपना कार्य ग्रेटा बनने के लिए नहीं कर रही हैं, हां यह बात ठीक है कि वह हमारे लिए प्रेरणा की स्तोत्र हैं और हमें बहुत अधिक प्रभावित भी करती हैं। हमारे उद्देश्य भी एक जैसे ही हैं पर मेरी अपनी एक अलग पहचान है और कहानी है। मैंने अपना movement  जुलाई 2018 से शुरू किया था, जोकि ग्रीटा के मूवमेंट शुरू करने से पहले का समय है। उनका सोशल मीडिया अकाउंट उनकी एक्टिविटीज और उनकी फोटो से भरा हुआ है। उनका सोशल मीडिया अकाउंट उनकी माता के द्वारा हैंडल किया जाता है क्योंकि अभी लिसिप्रिया की उम्र 13 वर्ष से कम है।

Licypriya Kangujam & Greta thunberg
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रात के समय प्रदर्शन करने पर जब उनसे पूछा जाता है कि वह दिन में प्रदर्शन क्यों नहीं करती तो उनका उत्तर होता है कि दिन के समय प्रदर्शन करने पर मेरी कोई नहीं सुनता। परंतु मिडनाइट में प्रदर्शन करने पर लोग उनकी बात सुन रहे हैं। आधी रात को symbolic protest से शायद नेताओं की नींद खुल जाए कि यह कोई सोने का समय नहीं है, जागो और देखो लोग मर रहे हैं। Twitter पर वह अपनी तस्वीर डाल कर लोगों को बताती हैं कि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल से मिलने जा रही हैं ताकि उन्हें दिल्ली के बढ़ते पोलूशन से अवगत करा सकें जो कि लोगों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है।

इससे पहले लिसिप्रिया United Nations Climate Conference 2019 में  Madrid, Spain  में दुनिया के बड़े नेताओं को, बिगड़ते हुए पर्यावरण विषय पर संबोधित कर चुकी हैं और वहां पर भी उन्होंने climate change पर तत्काल कानून बनाए जाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसी बात को वह भारत में भी अपने प्रदर्शनों में दोहरा चुकी हैं। इसके अलावा उनकी यह भी मांग है कि भारत के स्कूलों में “climate literacy” को आवश्यक बना दिया जाना चाहिए। जब तक climate literacy  नहीं होगी तब तक सुधार आना मुमकिन नहीं।  

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CHILD Movement  को शुरू करना

2018 में लिसिप्रिया ने अपने पिता के साथ मंगोलिया में disaster conference में हिस्सा लिया। इस conference ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। इस कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद ही उन्होंने climate change के लिए अपने देश में प्रदर्शन करने के बारे में सोचा। BBC  के एक लेख के लिए दिए गए इंटरव्यू में वह कहती हैं कि लोगों के द्वारा दिए गए भाषणों से उन्हें नया ज्ञान और प्रेरणा मिलती है। यह वास्तव में उनके लिए life changing रहा। इसके बाद ही उन्होंने child movement  की शुरुआत की जिससे कि अधिक से अधिक लोगों को जागरूक किया जाए ताकि वे climate change और natural disasters से हमारी धरती को बचाने की मुहिम में शामिल हो सकें।

WHO के सर्वे में भी प्रदूषण को भारत में स्वास्थ्य के लिए पांचवां सबसे बड़ा खतरा बताया गया है जिससे लोग बेमौत मारे जाते हैं। अभी तक लिसिप्रिया climate change के अपने movement के लिए 21 देशों की यात्रा कर चुकी है और इस मुहिम के लिए उन्हें दुनिया के 120 से भी अधिक देशों का समर्थन प्राप्त है।

Licypriya Kangujam
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Kerala flood 2018

लिसिप्रिया ने सन् 2018 में केरल में आई बाढ़ के दुष्प्रभावों से निपटने के लिए अपनी सारी की सारी बचत राशि जोकि लगभग ₹100000 थी, केरल मुख्यमंत्री राहत कोष को 24 अगस्त को दान कर दी। 2 साल बाद उन्हें केरल सरकार से इसके लिए acknowledgment letter भी प्राप्त हुई थी।

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Survival kit for the future

लिसिप्रिया बढ़ते हुए air pollution लिए एक ऐसा प्रोडक्ट लेकर आई हैं जिसे उन्होंने “SUKIFU” (survival kit for future) नाम दिया है। उन्होंने यह मॉडल IIT – Jammu के प्रोफेसर श्री चंदन घोष की सहायता से तैयार किया है। इसे बेकार पड़ी हुई चीजों से तैयार किया गया है इसलिए इसको बनाने में कोई खर्च नहीं आता। जब प्रदूषण बहुत ज्यादा हो तो ताजी हवा प्राप्त करने के लिए इसका प्रयोग किया जा सकता है। इसको पीठ पर पहन कर कहीं भी आया जाया जा सकता है। Green movement का यह किट कोई भी इस्माल करके अपने फेफड़ों तक स्वच्छ हवा पहुंचा सकता है। इसमें किसी भी प्रकार के रसायन या बिजली का प्रयोग नहीं किया गया है।

Licypriya Kangujam
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इसके अलावा यह fossil fuel economy पर रोक लगवाना चाहती हैं, जोकि climate change  का एक मुख्य कारण है। Climate change से लड़ने के लिए वह घर और ऑफिस में, स्कूल और दूसरे स्थानों पर भी single use plastic को बंद कर देने पर जोर देती हैं। इसी दिशा में उनका अगला कदम था, सोशल मीडिया के अपने फॉलोअर्स को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करना। उन्होंने अपने फॉलोअर्स को उनके जन्मदिन पर जो कि 2 अक्टूबर को होता है एक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया। इस अपील का इतना अच्छा रिस्पांस मिला कि उन्हें उम्मीद है वर्ष 2020 खत्म होते-होते एक मिलियन पेड़ लगाए जा चुके होंगे। दुनिया के तमाम देशों ने इस छोटी सी बालिका के कार्यों को सराहा और उसे अवार्ड देकर सम्मानित भी किया।

Licypriya Kangujam
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लिसिप्रिया की उपलब्धियां

  • 2019 में डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम चिल्ड्रन अवार्ड से सम्मानित किया गया।
  • अंतरराष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार और इंडिया पीस प्राइज भी उन्हें दिया गया।
  • 2019 में उन्हें संयुक्त राष्ट्रीय विकास कार्यक्रम में ग्रेटा थनबर्ग और जेमी मार्गोलिन के साथ एक विशेष पर्यावरण कार्यकर्ता का सम्मान दिया गया।
  • इंडिया टाइम्स ने भी उन्हें भारत की सबसे कम उम्र की जलवायु कार्यकर्ता का सम्मान दिया है।

हमें प्रदूषण से मुक्ति मिले और स्वच्छ वायु में हम सांस ले सके इसके लिए यह 9 वर्ष की बालिका प्रयासरत है, जिसकी दुनिया मुक्त कंठ से प्रशंसा भी कर रही है। उनके प्रयास जारी हैं और वह खड़ी हैं आने वाली जनरेशन को इस जहरीली हवा से बचाने के लिए।

Licypriya Kangujam के बारे में ज्यादा जानने के लिए चेक करें – Twitter, Facebook, Instagram.

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