कहते हैं सपनों का पूरा करने की कोई उम्र नहीं होती, आप किसी भी उम्र में अपने सपनों के लिए संघर्ष कर सकते हैं । बस आप में अपने सपनों को पाने का वो जज्बा और जुनून होना चाहिए। इसी के एक मिसाल 92 साल के NS Dattatreya हैं। जिन्होंने महज एक साल में 90 से ज्यादा रेसों में हिस्सा लेकर लोगों के सामने एक उदाहरण पेश किया है।
92 की उम्र में 90 से ज्यादा रेसों में लिया हिस्सा
60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वृद्ध समझा जाता है और माना जाता है कि इस उम्र के लोग खेल या इस तरह की दूसरी गतिविधियों में हिस्सा नहीं ले सकते हैं। क्योंकि इस उम्र तक आते-आते लोग फिजिकली कमजोर हो जाते हैं। लेकिन 92 साल के NS Dattatreya ने साबित कर दिया है कि आप किसी भी उम्र में कुछ भी कर सकते हो।
एन. एस दत्तात्रेय एक बैंक मैनेजर रह चुके हैं। रिटायर्मेंट के बाद एन.एस दत्तात्रेय ने मैराथन में दिलचस्पी दिखाना शुरु किया। उन्होंने इसकी शुरुआत जनवरी 2019 से की और अब तक वो 90 से ज्यादा रेसों में हिस्सा ले चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 42 वर्चुअल और 48 से ज्यादा वास्तविक रेसों में हिस्सा लिया है। खास बात ये है कि इस लिस्ट 21वीं एशिया मास्टर्स एथलेटिक चैम्पयिनशिप भी शामिल है। इस चैम्पियनशिप में उन्होंने अलग-अलग श्रेणी में 5 गोल्ड मेडल जीते थे। वहीं उन्होंने हाल ही में हुई TCS World मैराथन में भी हिस्सा लिया था।
रोजाना 5 किलोमीटर दौड़ते हैं NS Dattareya
एन.एस दत्तात्रेय एक दिन में 5 किलोमीटर दौड़ते हैं। 92 साल की उम्र में इतना दौड़ना हर किसी के लिए चौंकाने वाला हैं। लेकिन दत्तात्रेय का ये जज्बा उनकी मेहनत और फिटनेस को दिखाता है। दत्तात्रेय का कहना है कि वो युवाओं के लिए एक रोल मॉडल बनना चाहते हैं, वो चाहते हैं कि वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस्पायंर कर सकें, जो सिर्फ वर्चुअल वर्ल्ड में रहते हैं।
उनके अनुसार वो ट्रेक पर खुद को फिट रखने के लिए दौड़ते हैं और चाहते हैं कि युवा भी ऐसा ही करें। एन.एस दत्तात्रेय के अनुसार आजकल का युवा रियल से ज्यादा समय वर्चुअल वर्ल्ड में बीताता है। लेकिन वर्चुअल वर्ल्ड से बाहर भी एक रियल दुनिया है जिसमें रोजाना 5 किलोमीर दौड़ना बहुत जरुरी है।
NS Dattatreya ने बदली 40 साल के कुलदीप की किस्मत
युवाओं को प्रेरित करने की दत्तात्रेय की कोशिश कामयाब भी रही है। NS Dattatreya से प्रेरित होकर वडोदरा के रहने वाले कुलदीप सिंह जाधव ने भी रनिंग और साइकलिंग इवेंट में हिस्सा लेना शुरु किया। कुलदीप वडोदरा के रियल स्टेट कंपनी में सीनियर एक्जीक्यूटिव के पद पर थे। बैंगलोर ट्रांसफर होने के बाद उनकी मुलाकात एन.एस. दत्तात्रेय से हुई, जिन्होंने कुलदीप के लाइफ को देखने का नजरिया बदल दिया।
कुलदीप जाधव की उम्र 40 साल है, लेकिन वो इसी उम्र में सोचने लगे थे कि ये फील्ड उनके लिए नहीं है। हालांकि दत्तात्रेय से मिलने के बाद उनका नजरिया पूरी तरह बदल गया। कुलदीप ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि उनकी मुलाकात दत्तात्रेय से 2019 में हुई थी। जब कुलदीप ने उन्हें दौड़ते देखा तो वो हैरान हो गए। उनके मन में यही सवाल आया की अगर दत्तात्रेय 91 साल की उम्र में दौड़ सकते हैं, तो वो क्यों नहीं।
इसके बाद कुलदीप ने भी 5 किलोमीटर की रेस में हिस्सा लिया और फिर 10 किलोमीटर की रेस में हिस्सा लिया। यही नहीं कुलदीप ने रनिंग के साथ-साथ साइकलिंग इवेंट में भी हिस्सा लेना शुरु कर दिया। कुलदीप अब तक 50 रेस और साइकिलिंग इवेंट्स में हिस्सा ले चुके हैं। कुलदीप को लेकर दत्तात्रेय का कहना है कि वो दोनों कई रनिंग ग्रुप का हिस्सा है और उन्हें खुशी है कि वो किसी के लिए प्रेरणा बन पाए।
वर्चुअल वर्ल्ड ने खराब की युवाओं की फिटनेस
92 साल की उम्र में भी 90 से ज्यादा रेसों में हिस्सा लेना और गोल्ड हासिल करना साबित करता है कि एन.एस. दत्तात्रेय को अपनी फिटनेस की कितनी परवाह है। आज के ज्यादातर युवा अपना आधे से ज्यादा समय सिर्फ वर्चुअल वर्ल्ड में बीताते हैं। जिस वजह से वो ना तो अपनी सेहत का ध्यान रख पाते हैं और ना ही रियल वर्ल्ड को जी पाते हैं। दत्तात्रेय युवाओँ की इसी आदत को बदलना चाहते हैं। उनके अनुसार आजकल के बच्चे वर्चुअल वर्ल्ड में खुद को कहीं ना कहीं बर्बाद कर रहे हैं।
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