दूकान ऐप (The Dukaan App) को चलाने और 2.7 मिलियन छोटे व्यवसायियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने वाले साधारण परिवार के व्यक्ति सुभाष चौधरी बिहार के छोटे से गांव से आते हैं। सुभाष ने 3 साल की उम्र में ही अपने पिता को खो दिया था, जिसके कारण उनकी माँ ने उनकी परवरिश की। बड़े होने पर उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ने का फैसला किया, लेकिन उनकी माँ ने उन्हें कम से कम ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने को कहा। लेकिन 17 साल की उम्र में ही उन्होंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी और मुंबई काम की तलाश में आ गए। मुंबई में सुभाष ने 6 महीने तक कंप्यूटर हार्डवेयर और नेटवर्किंग की और उसके बाद एक एमएनसी में नौकरी ज्वाइन कर ली।
नौकरी ज्वाइन करने के बाद टेक्नोलॉजी ने उन्हें अपनी ओर खींचा, जिसके बाद काफी कम समय में ही उन्होंने कंपनी में अपना अच्छा प्रदर्शन दिया। इसके बाद उन्हें 60 इंजीनियरों की एक टीम का नेतृत्व करने का भी मौका मिला और उनकी टीम 15,000 विभिन्न ग्राहक स्थानों पर 20 लाख से अधिक सर्वरों का प्रबंधन भी करती थी। अपनी नौकरी के लगभग 5वें वर्ष में उन्हें एहसास हुआ कि उन्हें इंटरनेट में अधिक रुचि थी, उन्होंने इसके बारे में अधिक से अधिक सीखना शुरू कर दिया।
2013 में सुभाष की शादी हुई। इसके ठीक बाद ही अपने नए काम की शुरुआत करने के लिए सबसे पहले उन्होंने मुंबई में अपनी नौकरी छोड़ दी, जिसके बाद उन्होंने डिजिटल मार्केटिंग में अपना पूरा ध्यान लगाने का फैसला किया। वे बताते हैं कि उनकी पत्नी और मां सभी ने सोचा कि वह पागल हो गए हैं और अपनी नौकरी छोड़कर ऐसे कामों को करके बेवकूफी कर रहे हैं। लेकिन उन्होंने यह ठान लिया था कि वह कुछ अलग करेंगे जिसके लिए उन्होंने अगले 12 महीनों के लिए वेबसाइटें बनाईं, उन्हें रैंक किया और विज्ञापन बेचकर मुनाफा कमाया। इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ने लगा और कमाए हुए पैसों को डिजिटल मार्केटिंग में इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया।
आगे जाकर वह सुमित शाह से मिले और दोनों ने साथ मिलकर एक डिजिटल एजेंसी का निर्माण किया जिसमें पहले ग्राहक से दो करोड़ से भी अधिक का रेवेनुए मिला।
धीरे-धीरे यह विकास चलता गया और कुछ वर्षों में ही उन्होंने दर्जनों उच्च विकास स्टार्टअप और लगभग 500 कंपनियों के साथ भी काम किया। बाद में कौस्तुभ और अनुराग की मदद लेकर उन्होंने रैंकज (Rankz) कंपनी के रूप में अपनी सेवा को भी बढ़ाया। 2020 में फैले कोविड-19 की बीमारी से सभी की जन जीवन काफी अस्त-व्यस्त हो चुकी है। इसके कारण कई छोटी-छोटी दुकाने भी बंद हो गयी हैं जिससे उन्हें काफी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है।
सुभाष ने सुमित शाह से मिलकर दूकान ऐप (Dukaan App) नाम का नया ऐप बनाया, जो एक आसान सा मोबाइल एप्लीकेशन है। इसमें ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार किया जाता है। इस ऐप की मदद से 2 महीने में ही 2.7 मिलियन से भी अधिक छोटे व्यवसाय के मालिक अपने प्रोडक्ट्स को इसके द्वारा बेचने लगे। यह काफी कम समय में इतना ज्यादा फेमस हो गया कि इससे धीरे-धीरे जुड़ने वाले लोगों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई। इस सबसे हमें यह सिख मिलती है की अगर आपमें जूनून है तो आप अपना लक्ष्य पा ही लेंगे। ऐसी ही जूनून भरी कामथ भाईयों की कहानी आपको जरूर पसंद आएगी, जिन्होंने दस साल में 11000 करोड़ की कंपनी बना दी।
2 महीने के अंदर ही “दूकान ऐप” को 6,00,000 से भी अधिक ऑर्डर मिल चुके हैं और बिक्री में 100 करोड़ों रुपए की भी कमाई हो चुकी है। इतना ही नहीं दूकान ऐप ने 2.7 मिलियन व्यापारियों को डिजिटल माध्यम से जुड़ने में काफी मदद की है। छोटी-छोटी किराने की दुकानों और घर में रहने वाली महिलाओं के बनाए गए सामानों को बेचने के लिए भी लगातार ऑर्डर मिल रहे हैं।
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