इलेक्ट्रॉनिक्स के जमाने में लकड़ी से बने खिलौनों की वापसी, Harvard से लौटी मीता शर्मा ने बदला लोगों का नजरिया

Hindi By Preeti | 22 sec read

इस पोस्ट को English में पड़े – Meeta Sharma, Founder of Shumee Toys

Meeta sharma
Image source – Facebook

आज के Competitive वर्ल्ड में कामयाब होने की रेस बचपन से ही शुरु हो जाती है। हमारा बच्चा किसी से पीछे ना रह जाए, इस डर से माता-पिता बच्चे के लिए बेस्ट स्कूल और बेस्ट सुविधाओं को चुनते हैं। बच्चा अभी बोलना नहीं सीखा होता और उसके लिए ऐसे Toys लाते हैं जो उसकी कल्पना को नई दिशा दे सकें। लेकिन इन सब में हम ये भुल जाते हैं कि बच्चे के लिए नेचुरल चीजों के साथ भी बढ़ा होना उतना ही जरुरी है।

ज्यादातर माता-पिता अपने बच्चों के लिए ऐसे ही खिलौने खरीदना पसंद करते हैं जो उनके बच्चों को कम उम्र में ही पढ़ने-लिखने में मदद करें। और ऐसे में ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं है कि भारतीय बाजार में मिलने वाले ज्यादातर खिलौने ऐसे ही होते हैं, जो बच्चों को डॉक्टर, साइंटिस्ट और इंजीनियर बनने के लिए प्रेरित करते हैं। पर कम उम्र में बच्चों को इस तरह के विचारों में घेरना सही है क्या ?

वैसे आपको जानकर हैरानी होगी कि Shumee Toys की फाउंडर Meeta Sharma को इसी सवाल ने एक Architect से Entrepreneur बनाया।

खिलोने बनाने वालों की मानसिकता से हुई निराश

2012 में जब Meeta Sharma यूएस से भारत लौटी तो उन्हें भारतीय बाजार में मिलने वाले खिलौनों में समस्या दिखाई दी। दो बेटों की मां होने के नाते उनके लिए समस्या बहुत बढ़ी थी। भारतीय बाजार सस्ते प्लास्टिक के खिलौनों और महंगे इम्प्रोर्टड टॉयज से भरा हुआ है। प्लास्टिक के बने होने की वजह से ये बच्चों के लिए बिल्कुल भी सेफ नहीं है और वहीं इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन की वजह से ये खिलौने बच्चों को ओवरपावर करते हैं, जिसका असर बच्चों के मानसिक विकास पर होता है।

Meeta Sharma
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Meeta Sharma पेशे से एक कम्प्यूटर आर्किटेक्ट थी, जो सिस्टम में आ रही दिक्कतों के सोल्यूशन पर फोकस करती थी। लेकिन एक मां होने के नाते उनकी जिंदगी को एक दूसरा विजन मिला था, वो भारतीय टॉय मार्केट का सही सोल्यूशन चाहती थी।

आईआईटी और हार्वड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट मीता के लिए टॉय मार्केट की डिमांड को इग्नोर कर पाना मुश्किल था।

इलेक्ट्रॉनिक नहीं Skill Toys पर किया फोकस

Meeta Sharma ने बच्चों के लिए नए तरह के टॉय बनाने करने का फैसला किया, जो सेफ तो हो हीं, साथ में इतने सिंपल डिजाइन के हों कि बच्चों को उन्हें लेकर किसी तरह की कल्पना ना करनी पड़े। मीरा ने इस बारे में बात करते हुए अपने एक इंटरव्यू में कहा था –

“मैं एक ऐसी कंपनी खोलने के लिए तैयार थी जो भारतीय टॉय मार्केट के इस गेप को पूरा कर पाए”।

Meeta Sharma
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मीता शर्मा ऐसे टॉय उपलब्ध कराना चाहती थी जो बिल्कुल सिंपल डिजाइन के बने, ताकि बच्चों को उनके आसपास की चीजों को एक्सपलोर करने का मौका मिले और वो अपनी उम्र के अनुसार अपनी स्किल्स को डेवलप कर पाएं। तो फिर क्या था मीता ने Shumee Toys नाम से अपनी कंपनी खोली, जो अलग-अलग उम्र के बच्चों के लिए टॉय बनाती है। बच्चों की उम्र के हिसाब से उनके लिए टॉय डिजाइन किये जाते हैं ताकि उनकी स्क्रिल्स को सही तरह से डेवलप किया जा सके।

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बने भारत के भरोसेमन्द ब्रांड

Meeta Sharma के अनुसार माता-पिता होने के नाते हम बच्चों के लिए एजुकेशनल टॉय खरीदने में यकीन रखते हैं, ताकि बच्चा कम उम्र में ही ज्यादा से ज्यादा चीजे सीख जाए। पर हम ये भुल जाते हैं कि बच्चे तभी अच्छे से ग्रो कर सकते हैं, जब वो फ्री हो और ऐसे वातावरण में हों जहां उन पर कम से कम पाबंदी हो।बस उन्हें इंजोय करने दिया जाए। Shumee Toys बच्चों के लिए इसी तरह के वातावरण को बनाने का काम करता है।

Shumee Toys की साइट पर आपको इस तरह के गेम्स, पज्जल और किताबें मिल जाएंगी जिनका उपयोग करके बच्चों को मजा तो आता ही है साथ ही वो उन गेम्स से कुछ ना कुछ सीखते भी हैं। मीता की थ्योरी है कि –

खिलौनों को कभी भी बच्चों पर हावी नहीं होने देना चाहिए। बच्चा उस खिलौने का ऑपरेटर होना चाहिए जो उसे खेले और कुछ सीखे।

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Shumee Toys के खिलौने लकड़ी और दूसरे इको-फ्रेंडली मैटिरियल से बने होते हैं जिस वजह से ये बच्चों के लिए 100 प्रतिशत सेफ होते हैं। Shumee को साल 2017 में Best Indian Toy Brand और 2019 में Best Infant Toy Brand का अवॉर्ड मिल चुका है।

हर उम्र के बच्चों के लिए यूनिक टॉय

वैसे तो आपको Shumme Toys की साइट पर हर वर्ग के बच्चों के लिए अलग-अलग तरह के खास टॉय मिल जाएंगे, लेकिन इस ब्रांड के कुछ टॉयज बच्चों के बीच काफी पॉपुलर है जिसमें Activity Walker, Activity Triangle, Wooden Rocking Horse है। इसके अलावा NinjaKi भी इस ब्रांड का एक पॉपुलर टॉय है जो एक बैलसिंग गेम है।

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मीता के इस ब्रांड को खोलने का असल मकसद यही था कि बच्चों के लिए इस तरह के खिलौने मार्केट में उपलब्ध किये जाए जो सिंपल डिजाइन के हों और अच्छे मैटीरियल से बने हों। इस तरह के खिलौनों में कोई बैटरी नहीं होती, कोई इंजन नहीं होता। जिस वजह से बच्चों के लिए इन्हें तोड़ना और जोड़ना आसान होता है।

Shumee Toys के बारे में जानने के लिए चेक करें – FacebookWebsiteInstagram.

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