MBA Chaiwala – भारत का दूसरे नंबर का सबसे मशहूर चायवाला

Mad4Startup By Ritika Bidawat | 40 sec read

इस पोस्ट को English में पड़ें।

Prafull Billore
Image source – Facebook

इस कहानी के हीरो Prafull Billore का सपना था एक प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए करना और heavy package वाली नौकरी प्राप्त करना। परंतु यह सपना पूरा ना होने पर भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

McDonald से छोटी सी नौकरी की शुरुआत करके उन्होंने खुद का वेंचर खोला। सड़क के किनारे छोटा सा चाय का स्टाल लगाकर शुरुआत की और आज उनके डिफरेंट स्टाइल ने उन्हें पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना दिया।

सोशल मीडिया में उनके काम की सराहना होने लगी और फिर तो दुनिया उनकी मुट्ठी में थी। आज वह एक entrepreneur होने के साथ-साथ एक motivational speaker भी हैं। बड़े-बड़े कॉलेजेस, इंस्टिट्यूशन और स्कूलों में उन्हें मोटिवेशनल स्पीच देने के लिए बुलाया जाता है, उनमें से प्रमुख हैं “IIM Ahmedabad” जहां से वह MBA करना चाहते थे।

असफलता से बनाया नया रास्ता

Prafull Billore की कहानी शुरू होती है मध्य प्रदेश के एक गांव से जहां के वह रहने वाले थे। उनके पिता चाहते थे कि वह CAT एग्जाम देकर अच्छे से प्रतिष्ठित कॉलेज से एमबीए करके, अच्छी नौकरी प्राप्त करें।

एक आम किशोर की तरह उन्होंने भी अपने पिता के सपने को अपना माना और उसे पूरा करने के लिए इंदौर आ गए क्योंकि वह भी कहीं एम बी ए के बाद मिलने वाले heavy  package से आकर्षित थे। इंदौर में वह एक पीजी में रहने लगे और वहां पर उन्होंने अपनी अंग्रेजी सुधारने के लिए 6 महीने का इंग्लिश स्पीकिंग का कोर्स भी किया।

इसके साथ ही वह  CAT exam की preparation करने लगे जो कि भारत का toughest exam माना जाता है। इसके लिए वह सब कुछ भूल गए। पूरा दिन पढ़ाई करते और साथ में चाय पीते रहते। चाय को वह अपना साथी मानते थे।

तीन बार उन्होंने CAT Exam  दिया परंतु उन्हें सफलता नहीं मिली। वह उतना percentile score  नहीं कर पाए जिससे कि उन्हें अपने दिमाग में सोचे हुए किसी प्रतिष्ठित एमबीए कॉलेज में एडमिशन मिल जाती। उससे नीचे के किसी कॉलेज से एमबीए करना उन्हें स्वीकार्य नहीं था। उस समय उन्हे ऐसा लगा जैसे उनकी दुनिया ही खत्म हो गई। वह पूरी तरह से निराश हो गए थे और आगे का रास्ता उनको नजर नहीं आ रहा था।

Prafull Billore
Image – Prafull Billore
Image source – Instagram

McDonald’s में की नौकरी

उन्होंने अपने एमबीए करने के सपने को वहीं छोड़ दिया और India explore करने निकल पड़े। भोपाल, दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई जैसे अनेक शहर घूमते-घूमते वह पहुंचे अहमदाबाद, जो उन्हें बिल्कुल अपने घर जैसा लगा।

अहमदाबाद में उनका मन रम गया था और उन्होंने वहीं रह कर कुछ करने का सोचा। परंतु दूसरी तरफ उनके पिताजी एमबीए करने के लिए दबाव डाल रहे थे। Prafull को कुछ समझ नहीं आ रहा था पर दूसरी तरफ शहर घूमने के बाद उन्हें वहां के लोग बहुत ही मिलनसार और अच्छे लगे।

उसी समय उन्होंने McDonald’s restaurant में ₹32 प्रति घंटा के हिसाब से एक नौकरी कर ली। वहां उन्हें कुछ समय के बाद  promotion भी मिला परंतु संतुष्टि नहीं थी। वह अपना खुद का कुछ काम खोलना चाहते थे।

इस जॉब से भी उन्हें बहुत कुछ सीखने को मिला, रोज नए नए लोगों से मिलने का मौका मिलता था। वहां उन्होंने कई  business tricks के साथ-साथ humility, courtesy और etiquettes भी सीखें। 3 महीने वहां जॉब करने के बाद उन्होंने खुद का रेस्टोरेंट खोलने का सोचा पर वह एक बहुत बड़ा रिस्क था। वह इतना बड़ा रिस्क नहीं उठाना चाहते थे।

बड़ी सोच और छोटी शुरुवात

Prafull Billore ने कुछ छोटा खोलने का सोचा क्योंकि उनका विश्वास था  “Dream big, start small and act now”। प्रफुल्ल ने अपने पिताजी से एक कोर्स करने का बोलकर ₹8000 मंगवाए ताकि वह चाय का स्टाल लगा सके।

उनके पिताजी ने भी बहुत खुशी से भेज दिए क्योंकि वह चाहते थे कि उनका बेटा अच्छी तरह पढ़ाई करें। इस प्रकार अपने पिता से झूठ बोलना उन्हें अच्छा नहीं लग रहा था पर वह सड़क के किनारे चाय का स्टाल लगाना चाहते हैं यह उन्हें बता कर वह उनका दिल नहीं दुखाना चाहते थे, इसलिए उन्हें झूठ कहना पड़ा।

फिर उन्होंने चाय बनाने का सामान खरीदा पर अभी भी उनके मन में एक डर था कि लोग क्या कहेंगे। कहां तो एमबीए करने चला था और अब कहां सड़क पर चाय बेच रहा है। अंततः उन्होंने इन विचारों को दूर झटक दिया, परंतु 45 दिन तक सोच विचार में लगे रहे।

फिर हिम्मत करके 25 जुलाई 2017 में सड़क के किनारे शाम के 7:00 से 10:00 तक के लिए उन्होंने अपना चाय का काम खोल दिया। सुबह 9:00 बजे से 4:00 बजे तक वह McDonald’s  में नौकरी करते और फिर चाय बेचते।

Prafull Billore
Image source – Facebook

अंग्रेजी बोलने वाला चाय वाला

पहले दिन एक भी चाय नहीं बिकी तो उन्होंने लोगों के पास जाने का निश्चय किया। आसपास खड़ी कारों में बैठे लोगों के पास जाते और उन्हें अंग्रेजी में अपनी बात समझाते और अपनी चाय की खासियत बताते और एक बार try करने के लिए कहते। कुछ कमी होने पर suggestion भी मांगते।

चाहे वह सड़क पर चाय बेच रहे थे परंतु उनका तरीका सबसे अलग था। वह चाय को मिट्टी के कुल्हड़ में, टिशु पेपर और toast के साथ सर्व करते और उनके इस combo का मूल्य था ₹30। धीरे-धीरे लोगों को अंग्रेजी बोलने वाले की चाय में और उसकी बातों में रस आने लगा। उसकी बिक्री बढ़ने लगी क्योंकि कोई खर्च भी नहीं था।

उन्होंने कहीं पढ़ा था कि बेस्ट लोहार है टाटा और बेस्ट मोची है बाटा। उनकी फिलासफी थी कि जो भी काम करो ऐसा करो जैसा पहले किसीने ना किया हो। इसीलिए वह अपने चाय के धंधे में भी बेस्ट करना चाहते थे। सोशल मीडिया पर अंग्रेजी बोलने वाले चायवाला की चर्चा होने लगी। लोग ढूंढते हुए उनके पास आने लगे।

उनकी बढ़ती हुई बिक्री और लोकप्रियता आसपास के चाय वालों को पसंद नहीं आई। जबरदस्ती उन्हें वहां से हटा दिया गया। अब फिर वही समस्या सामने थी कि क्या करें? McDonald’s की नौकरी तो वह पहले ही छोड़ चुके थे। लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। जो लोग उनके कस्टमर बन गए थे वे उन्हें ढूंढते हुए उनके पास पहुंचने लगे, इससे उनकी हिम्मत बढ़ गई।

उन्होंने एक बार फिर एक अस्पताल के बाहर अपना चाय का स्टाल लगाया परंतु अब वह अस्पताल को स्टॉल लगाने का पैसा दे रहे थे ताकि फिर से वही समस्या सामने ना आ जाए। धीरे-धीरे fan following  बढ़ने लगी और लोग सोशल मीडिया पर उनकी चर्चा करने लगे।

Prafull Billore
Image source – Facebook

MBA Chaiwala

अब उन्होंने चाय का स्टाल तो लगाया और एक अलग ही रणनीति बनाकर काम करने लगे। उन्होंने अपने स्टाल में एक ऐसा corner बनाया जहां एक बोर्ड लगा था। चाय पीने वालों में जो बेरोजगार लोग थे उन्हें वह उस बोर्ड के ऊपर अपना नाम, टेलीफोन नंबर और योग्यता लिख कर छोड़ जाने को कहते थे और job देने वाले उनसे कांटेक्ट करते।

इस तरह बेरोजगार लोगों को जॉब मिल जाती और उनकी चाय की दुकान की marketing भी होने लगी। अब जरूरत थी उनकी दुकान को एक नाम देने की जिसके लिए अपनी दुकान को वह अलग ही नाम देना चाहते थे। अंत में उनको नाम पसंद आया “MBA चायवाला” / “MBA Chaiwala”। जिसका अर्थ था Mr Billore Ahemadabad । लोग उनका मजाक भी उड़ाते पर वे उसकी परवाह नहीं करते थे और अपने काम में लगे रहते।

Prafull Billore
Image source – Facebook

अब उनकी चाय  देश-विदेश में इतनी मशहूर हो गई थी कि

(1)  उन्हें local events, rallies, entrepreneur programs, high tea party, crowd campaigns में  बुलाया जाने लगा। वे लोगों की परफेक्ट चॉइस बन गए।

(2) उन्होंने दिल्ली गवर्मेंट के लिए “ काम वाली चाय” campaign  ऑर्गेनाइज किया।

(3) केरल में बाढ़ आने पर, वहां जाकर “Let’s chai for Kerela” launch  किया और चाय बेचकर उससे जो कमाई हुई उसे उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए डोनेट कर दिया।

(4) पिछले साल वैलेंटाइन डे के मौके पर ” free chai for singles” का ऑफर भी लोगों को दिया। लोग इस दिन कपल्स के लिए ऑफर रखते हैं तो उन्होंने सिंगल्स को यह ऑफर दिया।

(5) Women empowerment, blood donations, social cause के लिए एक NGO भी बनाया। जहां वह अपनी चाय का सोशल इवेंट रखते थे। उस से होने वाली कमाई को उन लोगों को ही डोनेट कर देते थे। इस प्रकार 2 साल के अंदर अंदर प्रफुल्ल बिल्लौरे ने दो सौ से अधिक सोशल इवेंट किए।

Prafull Billore
Image source – Facebook

धीरे-धीरे उन्होंने अपने रेस्टोरेंट्स खोले और फ्रेंचाइजी देने लगे। कहां तो उनकी उम्र के लोग, इस उम्र में अपने लिए नौकरी ढूंढते हैं और उन्होंने तो 30-35 लोगों को रोजगार प्रदान किया हुआ  है। अब उनकी चर्चा भारत के साथ-साथ विदेशों में भी होने लगी । प्रफुल्ल बिल्लौरे की  story को CNN के अलावा  BBC, ZEE, AAJ TAK, INDIA TV आदि में cover किया गया।

वह अपनी मोटिवेशनल स्पीच में कहते हैं कि कोई भी काम छोटा नहीं होता। हर बड़े काम की शुरुआत छोटे से ही की जाती है इसलिए कोई भी काम करते हुए ना घबराए। अगर आपके सपने पूरे ना हो तो यह न सोचे कि यह दुनिया क्या कहेगी। इस तरह बन गए प्रफुल्ल बिल्लौरे  भारत के दूसरे सबसे मशहूर चायवाला जिसने कई लोगों को रोजगार प्रदान किया।

Prafull Billore के बारे में ज्यादा जानने के लिए चेक करें – FacebookLinkedIn, Instagram, Website.

अगर आप किसी भी प्रेरणात्मक कहानी के बारे में जानते है, और आप चाहते है की हम उसके बारे में mad4india.com पर लिखे। ऐसे जानकारी शेयर करने के लिए आप हमें Facebook या LinkedIn  पे संपर्क कर सकते है। वो प्रेरणात्मक कहानी किसी भी व्यक्ति, कंपनी, नए आईडिया या सोशल पहल के बारे में हो सकती है।

Trending Posts

प्रातिक्रिया दे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.